क्रोमैटोग्राफी और मास स्पेक्ट्रोमीट्री क्षेत्र विश्लेषणात्मक विज्ञान प्रभाग का एक महत्वपूर्ण अनुसंधान क्षेत्र है। इसकी प्राथमिक गतिविधियों में गुणात्मक और मात्रात्मक जानकारी प्रदान करने के लिए हाइड्रोकार्बन सहित कार्बनिक यौगिकों का विस्तृत आणविक स्तर लक्षण वर्णन शामिल है। इसके अलावा, यह क्षेत्र अपने गैस क्रोमैटोग्राफ (GC), उच्च निष्पादन तरल क्रोमैटोग्राफ (HPLC), गैस क्रोमैटोग्राफ युग्मित मास स्पेक्ट्रोमीटर (GC-MS) और उच्च-रिज़ॉल्यूशन मास स्पेक्ट्रोमीटर (HRMS) के माध्यम से संस्थान की विभिन्न परियोजनाओं को निरंतर विश्लेषणात्मक सहायता प्रदान करता है। इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण अनुसंधान गतिविधियां हैं: ऑटोमोटिव गैसोलीन और डीजल ईंधन की मिलावट निगरानी, लिग्नोसेल्यूलोसिक बायोमास से प्राप्त कार्बन सामग्री की सहायता से पेट्रोलियम रिफाइनरी में उपस्थित प्रदूषक हटाने एवं जल उपचार और पेट्रोलियम दूषित मिट्टी और कीचड़ के बायोरेमेडिएशन द्वारा पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन के क्षरण। अधिकांश विश्लेषणात्मक पद्धति विकास में सूक्ष्म स्तरों पर लक्ष्य विश्लेषण का पता लगाना, रासायनिक प्रतिक्रिया-निगरानी, भौतिक-रासायनिक गुणों के साथ आणविक स्तर की सूचनाओं को सहसंबंधित करना और पर्यावरण प्रदूषकों के लिए वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन की निगरानी शामिल है। पेट्रोल के लिए विस्तृत हाइड्रोकार्बन विश्लेषण (ASTM D6730), कार्बन संख्या वितरण (UOP-915), मध्य आसवन में सुगंधित हाइड्रोकार्बन प्रकार (IP-391), गैसोलीन में हाइड्रोकार्बन प्रकार (ASTM D 2789), मध्य के लिए पेट्रोलियम परीक्षण के लिए महत्वपूर्ण मानक तरीके अपनाए गए हैं। डिस्टिलेट (ASTM D 2425, ASTM D 2786 और ASTM D 3239) आदि।
यह क्षेत्र अपने उपलब्ध संसाधनों के साथ पूरे संस्थान, ग्राहक उद्योगों और छात्रों को सर्वोत्तम संभव तरीके से सेवा प्रदान करता है। यह छात्रों के प्रशिक्षण, कौशल भारत कार्यक्रम और आने वाले छात्रों, संकायों और अन्य विशिष्ट कर्मियों के प्रदर्शन में भी लगा हुआ है।