अपस्ट्रीम एवं मोम प्रवाहिकी
- इस नव निर्मित डिवीजन की जिम्मेदारी मौलिक और अनुप्रयुक्त शोध करना, व्यापक अध्ययन करना और प्रयोगशाला आधारित वैज्ञानिक और तकनीकी सेवाएं प्रदान करना है ताकि ऐसा करने से यह पेट्रोलियम उद्योग के अपस्ट्रीम क्षेत्र की तकनीकी जरूरतों को पूरा कर सके और उनकी समस्याओं का समाधान कर सके।
- इस प्रभाग में चार स्वतंत्र अनुसंधान क्षेत्र शामिल हैं अपशिष्ट प्लास्टिक रूपांतरण-प्रक्रिया प्रौद्योगिकी, उत्प्रेरक डीपोलीमराइजेशन, वैक्स रियोलॉजी और अपस्ट्रीम।
डॉ सनत कुमार sanat[at]iip[dot]res[dot]in
डॉ शैलेंद्र त्रिपाठी stripathi[at]iip[dot]res[dot]in
डॉ अजय कुमार ajaykr[at]iip[dot]res[dot]in
डॉ इंद्रजीत के घोष ikghosh[at]iip[dot]res[dot]in
डॉ बिपुल कुमार bsarkar[at]iip[dot]res[dot]in
- अपशिष्ट प्लास्टिक को डीजल में परिवर्तित करने के लिए 1 टीपीडी डेमो यूनिट की स्थापना
- अपशिष्ट प्लास्टिक का रसायनों में रूपांतरण
- मीथेन / प्राकृतिक गैस भंजन द्वारा हाइड्रोजन उत्पादन
- अपशिष्ट प्लास्टिक के विध्रुवण के लिए नव उत्प्रेरक
- अपशिष्ट प्लास्टिक नेफ्था से गैसोलीन-श्रेणी के सुगंधित पदार्थों का उत्पादन
- अपशिष्ट प्लास्टिक के मूल्य संवर्धन के लिए श्रेणीबद्ध नैनो जिओलाइट्स का विकास
- कैटेलिसिस सोसाइटी ऑफ इंडिया – https://nccr.iitm.ac.in/
- जापान की कटैलिसीस सोसायटी – https://nccr.iitm.ac.in/
- जर्मन कटैलिसीस सोसायटी – https://gecats.org/news.html
- उत्प्रेरण अनुसंधान के लिए डच संस्थान – https://www.niok.nl/
- उत्तर अमेरिकी कटैलिसीस सोसायटी – https://nacatsoc.org/