आसुत एवं भारी तेल प्रक्रम प्रभाग
अधिकतम लाभ मार्जिन प्राप्त करने के लिए रिफाइनिंग में डिस्टिलेट और भारी तेल प्रसंस्करण महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं में से एक है। सीएसआईआर-आईआईपी अपनी स्थापना के समय से ही इस क्षेत्र में कार्य कर रहा है। यह डिवीजन मुख्य रूप से कई अलग-अलग उप क्षेत्रों जैसे कोकिंग, विस्ब्रेकिंग, फ्लूइड कैटेलिटिक क्रैकिंग और रेसिड्यू हाइड्रोप्रोसेसिंग में काम कर रहा है। हाल ही में तीन भारतीय रिफाइनरियों- एचपीसीएल (विजाग), आईओसीएल (मथुरा) और आईओसीएल (हल्दिया) में “सोकर इंटरनल विज़ब्रेकिंग” नामक एक स्वदेशी तकनीक का व्यावसायीकरण किया गया है। यह इस प्रभाग में शोध कार्य के परिणाम का एक उदाहरण है। हमारा मुख्य फोकस न केवल औद्योगिक अनुसंधान कार्य बल्कि वाणिज्यिक कार्यान्वयन भी है। स्लरी हाइड्रोक्रैकिंग सबसे आगामी प्रक्रिया है और हम सबसे अधिक दूषित फ़ीड को मूल्यवान उत्पादों में बदलने के लिए प्रौद्योगिकी के विकास के लिए बीपीसीएल, एचपीसीएल और ईआईएल के साथ काम कर रहे हैं।
डॉ. समीर के मैती | skmaity[at]iip[dot]res[dot]in |
डॉ. शुभम पाल | spaul[at]iip[dot]res[dot]in |
डॉ देसवथ विस्वनाथ नायक | dvnaik[at]iip[dot]res[dot]in |
- Development of catalyst and process for slurry phase hydrocracking
- Development of catalyst/additives for delayed coking process
- Catalytic cracking of cresol dimers to its monomer over E-cat on a bench scale
- Catalysis Society of India – https://nccr.iitm.ac.in/
- Catalysis Society of Japan – https://nccr.iitm.ac.in/
- German Catalysis Society – https://gecats.org/news.html